मैंने भी ब्लॉग बना लिया है। और उसे थोड़ा सुंदर बनाने के लिए दिन-रात मेहनत की। दिन-रात इस लिए की सब खुद करना था। ऑप्शन के बारे में जानकारी कम। जो करना था, सीख-समझ कर। सो खूब मेहनत की।
ब्लॉग बन कर तैयार हो गया, तो सोचा लिखा जाये। लिखने की तैयारी शुरू की। लेकिन जाड़े का मौसम शुरू हो गया। आलस व दैनिक काम के बोझ से दबा-सकुचाया रहा। अब उससे भी उबार पा लिया है।
सो लिखूंगा।
कुछ कविताएं।
कुछ यादें।
......
ब्लॉग बन कर तैयार हो गया, तो सोचा लिखा जाये। लिखने की तैयारी शुरू की। लेकिन जाड़े का मौसम शुरू हो गया। आलस व दैनिक काम के बोझ से दबा-सकुचाया रहा। अब उससे भी उबार पा लिया है।
सो लिखूंगा।
कुछ कविताएं।
कुछ यादें।
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